Site icon Aryan Ads Agency

kalka mandir kyu famous hai ? कालकाजी मंदिर में क्या हुआ था 3000 वर्ष पहले

kalka mandir kyu famous hai- दिल्ली में एक मंदिर जिसका नाम है kalka mandir जो कि आज के समय में बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है तथा नवरात्र के समय भक्तों की भीड़ इतनी देखने को मिलती है कि उसे पेड़ पर काबू बना मुश्किल हो जाता है तथा यह मंदिर दिल्ली के कालकाजी इलाके में स्थित कालका जी मंदिर माता को समर्पित है

अगर हम इस मंदिर के इतिहास की बात करें तो इस मंदिर के पीछे यह मानता है कि महाभारत के समय श्री कृष्ण जी जो कि भारत के पूज्य भगवान है वह पांडवों के साथ यहां पर पूजा करने आए थे यही कारण है कि यह मंदिर आज के समय में इतना प्रसिद्ध है तथा आज के समय में कल्काजी मंदिर को दुर्गा माता का अवतार माना जाता है तथा यह मंदिर नवरात्र के समय 24 घंटे खुला रहता हैं।

कालकाजी का यह मंदिर भारत में सबसे पुराने मंदिरों और पूजनीय मंदिरों में से एक है तथा इसे जयंती पीठ वह मनोकामना सिद्ध पीठ भी कहा जाता है तथा इस मंदिर के पीछे यह भी मानता है की कालका जी का जन्म इसी स्थान पर हुआ है तथा यह कहा जाता है कि यह मंदिर 3000 साल पुराना है । kalka mandir kyu famous hai ?

 

kalka mandir kyu famous hai

कालकाजी मंदिर में क्या हुआ था (kalka mandir kyu famous hai )

 

kalka-mandir का इतिहास बहुत ज्यादा पुराना है तथा इसका इतिहास 3000 वर्ष से भी ज्यादा पुराना है कहां जाता है कि महाभारत के समय में यहां पर श्री कृष्ण पांडवों को लेकर आए थे तथा इसके साथ कौरव भी यहां पर कालकाजी देवी के दर्शन करने आते थे तथा यहां पर उनकी पूजा किया करते थे अगर हम इससे आगे का इतिहास में जाए तो कहा जाता है कि दो राक्षस जो की देवताओं पर अत्याचार करते थे तथा उसी के पास में कालकाजी का यह मंदिर स्थापित था राक्षसों से परेशान होकर देवता ब्रह्मा देव के पास शरण लेने गए तथा उनकी मदद करने के लिए आग्रह किया तथा ब्रह्मा जी ने उन देवताओं को यह सलाह दी कि वह देवी पार्वती के पास जाए इसका समाधान देवी पार्वती के पास है।

पार्वती देवी ने देवताओं की बातें सुनकर उनकी मदद करने के लिए तैयार हो गई तथा उन्होंने सभी राक्षसों का वध कर दिया तथा उन पर विजय प्राप्त की परंतु युद्ध के दौरान राक्षसों का रक्त भूमि पर गिर गया जिससे बहुत सारे अन्य राक्षस पैदा हो गए और राक्षसों की एक भयानक सी बन गई जिससे देवता और ज्यादा घबरा गए।

इसका समाधान करने के लिए देवी पार्वती ने अपनी भोंहे बुन ली जिससे देवी काली उनके माथे से निकली तथा देवी काली ने उन सभी राक्षसों की सेवा का वध किया तथा उनका रक्त जमीन पर ना गिर जाए इसके लिए मां काली ने उनका रक्त भी पी लिया तथा सभी राक्षसों पर विजय प्राप्त की तथा मां काली ने उसे स्थान पर निवास करने का फैसला किया जिस स्थान पर कल्काजी मंदिर स्थित है तथा तब से काली मां यहीं पर निवास करती है।

kalka-mandir

Kalkaji mandi open timing

कालकाजी का मंदिर अगर आप पहली बार जा रहे हैं वह जानना चाहते हैं कि यह मंदिर कितने बजे खुलता है और कितने बजे बंद होता है तो हम आपको बता दें यह मंदिर सुबह 4:00 बजे खुलता है तथा शाम के 11:30 तक खुला रहता है इसके बाद यह मंदिर बंद हो जाता है तथा अगर आप इस मंदिर में नवरात्र के समय जाते हैं तो यह मंदिर 24 घंटे खुला रहता है क्योंकि नवरात्रा के समय दर्शन बड़ी मात्रा में यहां पर उपस्थित रहते हैं।

कालकाजी मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय

अगर आप kalka mandir जाने का सोच रहे हैं और जाना चाहते हैं कि कालकाजी मंदिर में जाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है तो हम आपको बता दें अगर आप यह मंदिर जाना चाहते हैं तो आपके लिए सबसे अच्छा समय होने वाला है सुबह या शाम की आरती के दौरान जिसमें अनेक भक्त कल्काजी मंदिर में दर्शन करने आते हैं तथा हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार इस मंदिर में सबसे ज्यादा भक्ति नवरात्र के दौरान आते हैं अगर आप इस मंदिर में आना चाहते हैं तो नवरात्र के समय आप इस मंदिर में आ सकते हैं जो कि साल में दो बार आते हैं।

यह भी पढ़े —- HOW TO REACH AYODHYA RAM MANDIR IN 2024 : यह सारे विकल्प है जिन माध्यम से प्रभु श्री राम के अयोध्या जा सकते हो

Kalkalji temple story in hindi

kalka mandir जोकि दिल्ली में स्थित है तथा यह मंदिर काफी ज्यादा प्रसिद्ध है तथा इस मंदिर में लाखों भक्त यहां पर प्रतिदिन आते हैं चलिए जानते हैं इस मंदिर की स्टोरी यह मंदिर कैसे फेमस हुआ तथा इसके पीछे क्या कहानी है आज के इस आर्टिकल में हम जानने वाले हैं।

ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण मराठियों के द्वारा कराया गया था तथा इसकी नींव 1764 ईस्वी में रखी गई . परंतु अब तक यह पूरा कंफर्म नहीं हो पाया है कि इस मंदिर का निर्माण किसके द्वारा कराया गया।

यह मंदिर दिल्ली में काफी ज्यादा लोकप्रिय है तथा लोग कालकाजी के इस मंदिर से काफी ज्यादा प्रभावित भी है तथा इस मंदिर में नवरात्र के समय लाखों लोग माता के दर्शन करने आते हैं|

तथा यह मंदिर काफी ज्यादा पुराना है माना जाता है इस मंदिर पर माता भगवती देवी मां काली के रूप में प्रकट हुई तथा उन्होंने असुरों का विनास किया तथा तब से ही यह मनोकामना सिद्ध पीठ के रूप में विख्यात है।

इस मंदिर के पीछे यह भी मानता है कि प्राचीन समय में इसका निर्माण मराठाओं द्वारा 1764 ईस्वी में कराया गया तथा बाद में अकबर के जमाने में 1816 में राजा केदारनाथ ने इस मंदिर का पुण्य निर्माण कराया था तथा इसके बाद 20वीं शताब्दी में इसके चारों ओर अनेक धर्मशालाएं वह मंदिर बनाए गए तथा उसके बाद इस मंदिर में पुजारी ने इस मंदिर को संभाला तथा यहां पूजा पाठ करने लगे तथा वर्तमान समय में 21वीं शताब्दी में यह मंदिर दिल्ली में प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है |

इस मंदिर के पीछे यह भी मानता है कि इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण पांडवों के साथ भगवती माता की आराधना करने यहां पर आए थे तथा उन्होंने भगवती माता की यहां पर आकर आराधना की थी तथा तथा इसके अलावा यह भी मानता है कि बालक नाथ ने इस पर्वत पर तपस्या की थी तथा तपस्या करने के बाद ही माता भगवती से उनका साक्षात्कार हुआ।

इस मंदिर के पीछे यह बहुत बड़ी मानता है कि देवताओं को असुरों के द्वारा सताया जा रहा था तथा देवताओं ने माता पार्वती की आराधना की तथा उनसे प्रार्थना की कि उन्हें असुरों से बचाया जाए तथा उनकी प्रार्थना सुनकर माता पार्वती ने सभी असुरों का वध कर दिया परंतु उनका रक्त जमीन पर गिर गया तथा उससे और भी ज्यादा राक्षस पैदा हो गए तथा इसी समस्या का समाधान निकालने के लिए उन्होंने मां काली का भयानक रूप ले लिया तथा उन सभी राक्षसों का वध करने के साथ उनका खून भी पी लिया जिससे और राक्षस पैदा ना हो सके । तथा तभी से इस मंदिर का निर्माण हुआ ।

कल्काजी माता मंदिर की विशेषताएं

kalka mandir जो कि दिल्ली में काफी ज्यादा प्रसिद्ध है तथा इस मंदिर में आपको इस मंदिर के 12 मुख्य द्वार देखने को मिलते हैं तथा वह 12 द्वारा 12 महीना का संकेत देते हैं तथा हरिद्वार का महत्व अलग-अलग रूपों में बताया गया है मंदिर की परिक्रमा में आपको 36 मातृकाओ के घोतक देखने को मिलने वाले हैं। इन घोतक के पीछे यह मानता है कि ग्रहण में सभी ग्रह इसके अधीन है तथा इस मंदिर की यह और खास बात है कि ग्रहण के समय सारे मंदिर के दरवाजे बंद रहते हैं जबकि कल्काजी मंदिर का दरवाजा ग्रहण के समय खुला रहता है।

कालकाजी मंदिर की मान्यता

यह मंदिर काफी ज्यादा प्रसिद्ध है तथा लोग इस मंदिर को काफी ज्यादा मानते हैं तथा नवरात्र के समय लाखों की संख्या में भक्त इस मंदिर के दर्शन करने आते हैं तथा वह यह मानते हैं कि नवरात्र के समय माता मेले में घूमती है यही कारण है कि लोग नवरात्र के समय ज्यादातर आते हैं अष्टमी और नवि को माता का मेला लगता है तथा इसी दिन लोग ज्यादा घूमने आते हैं।

कालकाजी मंदिर में क्या लगता है भोग

अगर आप kalka mandir में आते हैं तथा आप जानना चाहते हैं कि कल्काजी मंदिर में भोग क्या लगता है तो हम आपको बता दें अगर आप कालकाजी मंदिर में सुबह के समय आते हैं तो सुबह के समय में आप उनको 6 से 7 प्रकार के व्यंजन तथा पकवान चढ़ा सकते हैं तथा अगर आप आरती के समय कल्काजी मंदिर में आते हैं तो आप उनको बुरा और पंचमेवा का भोग चढ़ा सकते हैं।

तथा आज के समय में kalka mandir में मदिरा भी चढ़ाई जाती है तथा बहुत सारे लोग इस मंदिर में मदिरा चढ़ा कर जाते हैं परंतु यह आवश्यक नहीं है आप पकवान या फिर व्यंजन कालकाजी मंदिर में चढ़ा सकते हैं और अगर आप कल्काजी मंदिर में आना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे अच्छा समय होने वाला है वह समय है नवरात्र के समय नवरात्र के समय में काफी ज्यादा वक्त इस मंदिर में आपको देखने को मिलने वाले हैं तथा ज्यादातर लोग नवरात्र के समय ही इस मंदिर में आते हैं

यह भी पढ़े —- राम मंदिर की कुछ ऐसी बातें जिसे सुनकर आप भी हो जाएंगे हैरान जाने पूरी खबर

Exit mobile version